बदायूं, जुलाई 24 -- भगवान सभी का अहंकार तोड़ते हैं। इसलिए मानव को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। जीवन में आगे बढ़ जाने का कभी घमंड न करें। मोहल्ला संख्या पांच स्थित शिव शक्ति भवन मंदिर में चल रही भागवत कथा में कथा व्यास आचार्य उमंग दीक्षित ने गोवर्धन महत्व का प्रसंग सुनाते हुए व्यक्त किए। कहा, जब बृजवासी इंद्र की पूजा करने की तैयारी कर रहे थे, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें रोका और इंद्र की जगह पर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा। श्रीकृष्ण की सलाह पर इंद्र की पूजा की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू की। अपना अपमान होता देख इंद्र कुपित हो गए और उन्होंने क्रोध के वशीभूत होकर वहां मूसलाधार बारिश शुरू कर दी। तब मुरलीधर ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठा लिया।

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