बरेली, मई 25 -- आनंद आश्रम में हो रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर व्यास आचार्य संजीव कृष्ण ने श्री कृष्ण जन्म का मनमोहक प्रसंग सुनाया। बताया कि कलयुग में श्रीमद्भागवत का श्रवण कल्पवृक्ष से भी बढ़कर है। श्रीमद्भागवत दिव्या कल्पतरु है यह अर्थ धर्म काम के साथ-साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्रदान करता है। नैमिषारण्य तीर्थ में इस दिव्य कथा के श्रवण से तत्व ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है। श्री कृष्ण की कथा सुनाते हुए कहा कि वह हमारे जीवन वल्लभ हैं, हमारे प्राण हैं। आज की कथा में जैसे ही श्री कृष्ण जन्म का प्रसंग आया तो पूरा पंडाल नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की जयकारों से गूंजायमान हो गया। सभी श्रद्धालुओं ने नाचते, पुष्प वर्षा कर धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया। व्यास जी ने एकादशी व्रत महत्व की कथा सुनाई।

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