समस्तीपुर, मार्च 1 -- पूसा। डॉ.राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विवि के सस्य विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.एसके चौधरी ने कहा कि श्रीअन्न(मिलेट्स) की मांग लगातार बढ़ रही है। एैसे में इसके उत्पादन के साथ मूल्य संवर्धन एवं मार्केटिंग क्षेत्र में कार्य कर व्यवसाय का रूप देने की जरूरत है। इसमें समूह बनाकर या एफपीओ का गठन कर कार्य करने से किसान बेहतर लाभ ले सकते हैं। वे शुक्रवार को विवि के पोषक अनाज मूल्य श्रृंखला उत्कृष्टता केन्द्र के सभागार में बोल रहे थे। मौका था श्री अन्न के उत्पादन, प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र का। उन्होंने कहा कि यह जलवायु सहिष्णुता एवं पौष्टिकता से भरपूर है। एैसे में इसके महत्व को समझ कर कार्य करने की जरूरत है। इसमें विवि तकनीकी ज्ञान देकर दक्ष बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। केन्...