बांका, जुलाई 22 -- कटोरिया (बांका), निज प्रतिनिधि। श्रावणी मेला में गंगा तट से जल भरकर निकलते लाखों कांवरियों के कदम धीरे-धीरे एक ऐसे रास्ते की ओर बढ़ रहे हैं, जो केवल भौगोलिक दूरी नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊंचाई तय करता है। सोमवार को धूप के कारण कांवरिया पथ में भीड़ थोड़ी कम दिखी। लेकिन हर दिन सुल्तानगंज से कांवर लेकर निकलने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाख के आंकड़े को पार कर रही है, और आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। कांवर यात्रा न सिर्फ एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी भक्ति, सादगी और समर्पण की प्रतीक बन चुकी है। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि उस आस्था का जीवंत प्रमाण है, जो आज की अनास्था से भरी सदी में भी लोगों को 108 किमी की कठिन पदयात्रा के लिए प्रेरित करती है। क्योंकि कोई भी बाजार, कोई भी अर्थव्य...