गाजीपुर, अक्टूबर 12 -- गाजीपुर(मतसा)। क्षेत्र के ताजपुर माझा पानी टंकी के पास नव दिवसीय राम कथा का आयोजन चल रहा है। कथा वाचिका पंडित मनोरमा शास्त्री ने कहा है कि भगवान ने ज्ञानी को प्रिय बताया है। किंतु का भूषण्डी ने ज्ञान मार्ग को कृपाल की धारा पर चलने जैसा कठिन बताया है। इस मार्ग में तनिक सुख भी पतन का कारण बनती है। जबकि भक्ति का मार्ग सरल और सहज है। उन्होंने कहा है कि भगवान की भक्ति का अर्थ है, अपनी मर्जी को भगवान की मर्जी में समर्पित कर देना चाहिए। सुख मिले या दुख रेशम पहनने का अवसर आए या फटे पुराने वस्त्र पहनने की नौबत। सबको समान भाव से स्वीकार करना ही सच्ची भक्ति है। उन्होंने कहा है कि कपट और जंजाल से दूर रहते हुए प्रत्येक जीव में प्रभु की छवि देखे उसकी सेवा करें और यदि सेवा ना हो सके तो कम से कम किसी प्राणी को दुखाना पहुंचने दे। सह...