गौरीगंज, जुलाई 8 -- अमेठी। संवाददाता ग्राम पंचायतों में बनाए गए सार्वजनिक शौचालयों के नाम पर हर महीने करोड़ों का गबन हो रहा है। इन शौचालयों पर दिनभर ताला लटका रहता है। जबकि उनकी देखरेख के नाम पर आने वाले 6000 रुपए स्वयं सहायता समूह, पंचायत सचिव और प्रधान डकार ले रहे हैं। हिन्दुस्तान ने गांवों में बनाए गए सार्वजनिक शौचालयों का जायजा लिया तो बहुत ही खराब स्थिति नजर आई। शौचालय आबादी से दूर बनाए गए हैं जहां उनका प्रयोग करने वाला कोई नहीं है। दिन भर ज्यादातर शौचालयों का ताला ही नहीं खुलता है। शौचालयों के आसपास कोई भी केयरटेकर मौजूद नहीं रहता है। गौरीगंज की ग्राम सभा संभावा में कभी ताला खुला ही नहीं। गांव निवासी ओम प्रकाश यादव कहते हैं कि स्थिति बहुत खराब है। यही हाल गौरीगंज विकासखंड के जेठौना का है। गांव निवासी अजय पाल कहते हैं कि शौचालय का ता...
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