नई दिल्ली, जून 4 -- निखिल पाठक नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। दिल्ली के प्रमुख इलाकों में शोर का स्तर लगातार तय मानकों को लांघ रहा है। हैरानी की बात यह है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के सख्त निर्देशों और सरकार के आदेशों के बावजूद जमीनी कार्रवाई बेहद सीमित है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, करोल बाग जैसे व्यावसायिक इलाकों में दिन (सुबह छह से रात दस बजे तक) के समय औसतन 75 डेसिबल से अधिक तक शोर दर्ज किया जा रहा है, जबकि अधिकतम सीमा 65 डेसिबल निर्धारित है। रात (रात दस से सुबह छह बजे तक) में यह स्तर 67 डेसिबल तक पहुंच जाता है, जबकि तय मानकों के अनुसार 55 डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए। करोल बाग लगातार चौथे वर्ष दिल्ली का सबसे शोरगुल वाला क्षेत्र बना हु...