नई दिल्ली, दिसम्बर 19 -- संसद का शीतकालीन सत्र कुल मिलाकर यादगार बीता है। जहां अनेक बड़े फैसले हुए हैं, तो कुछ ऐतिहासिक बहसें भी हुई हैं। लोकसभा की बात करें, तो कुल 15 बैठकों के बाद लोकसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र के समापन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जहां संतोष का इजहार किया है, वहीं राज्यसभा के सभापति व देश के उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन ने भी सत्र की सफलता पर खुशी जताई है। शीतकालीन सत्र में लोकसभा की उत्पादकता 111 प्रतिशत, जबकि राज्यसभा की उत्पादकता 121 प्रतिशत रही है। इस सत्र में हंगामे तो हुए हैं, पर ऐसा भी नहीं कि सत्र को चलाने में मुश्किल आई हो। सदस्यों को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिला है और विपक्ष भी अपेक्षाकृत संतुष्ट है। विपक्ष को पर्याप्त महत्व देकर सत्ता पक्ष ने भी प्रशंसनीय कार्य किया है। संसद के 1...