नोएडा, अगस्त 20 -- ग्रेटर नोएडा। शारदा विश्वविद्यालय में बुधवार को सेमिनार का आयोजन किया। इस दौरान डॉक्टरों ने गर्भवती महिलाओं और शिशुओं की देखभाल के महत्व पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने बताया कि गर्भ में पल रहे शिशु की आनुवांशिक बीमारियों को गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड, कुछ जांच और सावधानी बरतने से ठीक किया जा सकता है। एमएस डॉ राममूर्ति ने कहा कि देश में मैटरनल मोर्टालिटी और पेरिनेटल मोर्टालिटी दर बहुत ज्यादा है। इस मृत्यु दर के आधार पर ही किसी भी देश या राज्य के विकास का पता चल जाता है। फीटल मेडिसिन एक ब्रांच है, जो 12 हफ्ते में के अंदर गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में यह पता कर सकती है कि किस मां और गर्भ में पल रहे किस बच्चे में ज्यादा समस्याएं है।

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