उरई, दिसम्बर 15 -- जालौन। नगर के लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय शिव महापुराण के दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए पहुंचे और भगवान शिव की महिमा का गुणगान सुना। कथा के दूसरे दिन कथा वाचक साध्वी समाहिता दीदी ने बताया कि शिव महापुराण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन को सही दिशा देने वाला मार्गदर्शक है। भगवान शिव को सृष्टि के कल्याण का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि शिव का स्मरण करने से मनुष्य के जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और मन में शांति का वास होता है। शिव के निराकार और साकार स्वरूप का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान शिव औघड़दानी हैं और सच्चे मन से की गई भक्ति से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। शिव भक्ति से व्यक्ति के भीतर त्याग, करुणा और सेवा का भाव उत्पन्न होता है। शिव महापुराण में वर्णित कथाएं ...
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