औरंगाबाद, जुलाई 20 -- कुटुंबा प्रखंड के मिडिल स्कूल झरहा में रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में ग्रामीणों को किशोर न्याय अधिनियम और पॉक्सो अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया गया। पैनल अधिवक्ता लालमोहन सिंह ने कहा कि ये दोनों कानून बच्चों के कल्याण, सुरक्षा और न्याय को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। किशोर न्याय अधिनियम बच्चों की देखभाल, संरक्षण और कानून का उल्लंघन करने वाले किशोरों के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करता है। यह 16-18 वर्ष के किशोरों को गंभीर अपराधों, जैसे हत्या या बलात्कार, के लिए वयस्कों की तरह मुकदमा चलाने की अनुमति देता है, बशर्ते उनकी मानसिक और शारीरिक परिपक्वता का आकलन किया जाए। इसके अलावा, यह गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बनाता है और अनाथ बच्चों के पुनर्वास प...