बगहा, मई 25 -- बगहा, हमारे संवाददाता । प्लास्टिक उत्पादों की कम दर व टिकाउपन के कारण अपना स्वरूप खो रहे हस्तशिल्पों को संजीवनी मिलनी शुरू हो गयी है। सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने इको टूरिज्म में सोवेनियर शॉप के माध्यम से थारू हस्तशिल्पों को जो बाजार देने की कोशिश की, वह आज साकार होती दिख रही है। दिल्ली, पटना जैसे शहरों से विविध कंपनियों ने थारू हस्तशिल्पो में अपनी रुचि दिखायी है, जो इसकी ब्रांडिंग कर नेशनल व इंटरनेशनल मार्केट में जगह दिलाने को तैयार हुई है। शीघ्र ही यह धरातल पर दिखने भी लगेगा। जिससे हस्तशिल्प रोजगार, कमाइ के साथ शिक्षा भी देने का बेहतर माध्यम बनेगा। अखिल भारतीय थारु महासंघ के अध्यक्ष दीपनारायण प्रसाद ने बताया कि केन्द्रीय जनजातीय मंत्रलाय की तरफ से पिछले दिनों जानकारी मुहैया करने के लिए एक टीम आयी थी, जो हस्तशिल्प में बना...