गिरडीह, अगस्त 8 -- तिसरी, प्रतिनिधि। पूर्व मुख्यमंत्री और झारखण्ड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को याद कर तिसरी का जलगोड़ा गांव रो पड़ा। जैसे ही शिबू सोरेन की मौत की खबर पहुंची वैसे ही जलगोड़ा गांव में मातम पसर गया और यहां के हर आदिवासी महिला व पुरुषों की आंखें नम हो गई। मसलन, तिसरी के सुदूरवर्ती गांव जलगोड़ा और इस गांव के लोगों का शिवचरण सोरेन यानी दिशोम गुरु शिबू सोरेन से गहरा रिश्ता रहा है। अपने संघर्ष के शुरुआती दौर में यानी 70 के दशक में शिबू सोरेन ने तिसरी प्रखंड के जलगोड़ा गांव से महाजनों के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था। इतना ही नहीं बल्कि शिबू सोरेन जलगोड़ा गांव में आश्रम बनाकर और यहां बनाए गए अपने आश्रम में रहकर सालों तक महाजनों के खिलाफ आंदोलन करते रहे। आज भी उनका बनाया हुआ आश्रम जर्जर स्थिति में है और अपने निर्माता शिबू सोरेन ...