फतेहपुर, मई 3 -- फतेहपुर। शहर के कई मोहल्लों के साथ ही कालोनियों की जर्जर इमारतों से हर पल हादसों की आशंका बनी रहती है। आलम यह है कि पता नहीं कब कौनसी इमारत गिरकर किसी की जान ले, ले। इसके बावजूद न तो जिम्मेदारों को इसकी परवाह और न ही भवन स्वामियों को यहां पर महज निजी भवन की जर्जर नहीं हैं बल्कि सरकारी कालोनियों के साथ ही चल रहे दफ्तरों के भवन भी जर्जर हैं। इसके बावजूद सम्बंधित महज नोटिस भेजने तक ही सीमित होकर रह जाते हैं। जिससे हर समय हादसों का खतरा मंडराता रहता है। शहर के चौक बाजार में कोरोना के समय एक जर्जर भवन के आगे का हिस्सा भर-भराकर गिर गया था। गनीमत यह रही कि कोविड के कारण बाजार में भीड़ भाड़ नहीं थी। अन्यथा की दशा में दर्जनों लोगो के हताहत होने के साथ ही चुटहिल होने से इंकार नहीं किया जा सकता। भवन गिरने के बाद एनडीआरएफ की टीम सहित स...
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