नई दिल्ली, सितम्बर 5 -- भारत के प्रमुख शहर दुनिया के सबसे धीमे शहरों में शुमार किए जाने लगे हैं। यहां शहरी लोग ट्रैफिक जाम में ही सालाना सैकड़ों घंटे गंवा देते हैं। अगर जाम की समस्या न होती, तो वे इस समय का उपयोग दूसरे काम करने, आराम करने या परिवार के साथ बिताने में इस्तेमाल कर सकते थे। अधिक से अधिक सड़कें बनने के बावजूद, ट्रैफिक जाम लंबा और जानलेवा होता जा रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि देश में कार रखने वाले अभिजात वर्ग की संख्या तेजी से बढ़ी है। भारत में प्रति 1000 लोगों पर 34 कारें हैं, जो वैश्विक स्तर पर तो कम है, लेकिन तेजी से बढ़ रही है। शहरी सड़कों पर कुछ खास लोगों का दबदबा बढ़ता जा रहा है, जबकि सार्वजनिक परिवहन पिछड़ रहे हैं। सर्वेक्षणों के आंकड़े बताते हैं कि भारतीय शहरों में यात्रा के समय में जरा भी सुधार नहीं हुआ है। कोलकाता...