रामपुर, नवम्बर 8 -- शहरी क्षेत्र को 32 आशाएं मिल गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इनको प्रशिक्षण कराने के बाद प्रमाण पत्र बांट दिए गए हैं। इन आशाओं के कंधे पर गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव से लेकर नवजात शिशुओं की देखभाल और उनकी जीवन रक्षा की जिम्मेदारी रहेगी। चादरवाला बाग स्थित मिनी प्रशिक्षण केंद्र में 32 अर्बन आशाओं का पांच दिवसीय गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल का प्रशिक्षण पूरा हुआ। एसीएमओ और अर्बन हेल्थ नोडल डा. सत्यमूर्ति तोमर ने आशाओं को प्रमाण पत्र बांटते हुए कहा कि आप लोग 42 दिन तक नवजात शिशु की घर पर जाकर देखभाल करेंगी और उनके जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी। गृह-आधारित नवजात शिशु देखभाल एक सामुदायिक स्तर की रणनीति है जिसमें आप स्वास्थ्य आशा कार्यकर्ता के रूप में प्रसव के बाद माताओं और नवजात शिशुओं के घरों का दौरा करते हुए नवज...