गाजीपुर, अक्टूबर 7 -- भांवरकोल। अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर क्षेत्र में शरद पूर्णिमा का पर्व सोमवार की रात श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पावन तिथि को मां लक्ष्मी और भगवान नारायण की पूजा-अर्चना करने से सुख, समृद्धि और आरोग्यता की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और उसकी किरणों से अमृत की वर्षा होती है। इसी कारण इस दिन खुले आकाश के नीचे रखी खीर का विशेष महत्व है। मान्यता है कि चंद्रमा की किरणों से स्पर्शित खीर प्रसाद रूप में सेवन करने से आरोग्य, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। क्षेत्र के मंदिरों, आश्रमों और घरों में मां लक्ष्मी की भव्य पूजा, सत्य नारायण व्रत कथा और रात्रि जागरण का आयोजन किया गया। श्रद्धालु देर रात तक भजन-कीर...