सहारनपुर, अक्टूबर 6 -- सोमवार को शरद पूर्णिमा का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रकिरणों से अमृत बरसता है, जिससे स्वास्थ्य, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर लोगों ने परंपरा के अनुसार दूध-चावल की खीर बनाकर खुले आकाश के नीचे चांदनी में पूरी रात रखी। माना जाता है कि इस खीर में चंद्रकिरणों का अमृत समा जाता है। श्रद्धालुओं ने अगली सुबह इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। पर्व के दौरान भक्तों ने व्रत रखकर चंद्रमा को अर्घ्य दिया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। शहरभर में शरद पूर्णिमा का माहौल भक्ति और शांति से परिपूर्ण रहा। ज्योतिष के जानकार पंडित रोहित वशिष्ठ ने बताया कि छह अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर पूर्णि...