हजारीबाग, अप्रैल 17 -- इचाक प्रतिनिधि इचाक के कुटुमसुकरी गांव के रविदास मुहल्ले के लोग शंकर के दर्दनाक मौत के सदमे से घटना के दूसरे दिन भी नहीं उबर पाए है। लोग मुहल्ले के कमल रविदास,रितेश रविदास,अजय रविदास,मनोज साव ने बताया कि के शंकर के सहयोग के चलते 14 अप्रैल को डा भीमराव की जयंती मनायी गयी थी। यही कारण है कि लोग उसके सामाजिक कार्यों को याद कर मायूस हो जाते है। घटना के दूसरे दिन शंकर की पत्नी बबीता,मां राधा और बुजुर्ग पिता मंगल रविदास अन्न ग्रहण नहीं किया। पत्नी बबिता पति की याद में रह रह कर फफक उठाती है। रोते रोते उसका गला रूंध सा गया है। वह क्या बोलती है किसी को समझ में नहीं आता है। बुधवार को घरवालों के सहयोग से थाना पहुंची बबीता ने पति के हत्यारों के खिलाफ आवेदन देकर अज्ञात अपराध कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराते फफक पड़ी। वह कह रही थ...
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