गंगापार, अप्रैल 12 -- परंपरागत खेती गेहूं, धान, दलहन, तिलहन के अलावा सब्जियों और फलदार वृक्षों व पौधों पर भी नैनो उर्वरकों का सकारात्मक प्रभाव है। यह बातें देवनहरी गांव में आयोजित किसान चौपाल में नैनो यूरिया डीएपी के प्रभाव को बताते हुए इफको के कार्यकारी निदेशक संजय कुदेशिया ने शनिवार को कही। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के साथ ड्रोन किसानों के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। देवनहरी के किसान नागेंद्र उपाध्याय एक एकड़ में केले की खेती किए है। शनिवार को ड्रोन के माध्यम से पूरी फसल पर छिड़काव का कर प्रदर्शित किया गया। चौपाल में किसानों की समस्याओं को सुनते हुए इकाई प्रमुख ने न केवल समाधान किया बल्कि उन्हें आश्वासन भी दिया कि खेती में आने वाली किसी भी समस्या का उचित सलाह दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो कृषि वैज्ञानिक आप के खेत तक पहुंचें...