नई दिल्ली, मई 8 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। खेल एक संस्कार है, एक स्वभाव है, एक जीवन शैली है और एक अनुशासन है। यह हमें सिखाते हैं कि हम खेलते रहें और खिलते रहें। कोई भी व्यक्ति जब खेलता है, तो वह खिलता है। ये बातें भारत के युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दिल्ली विश्वविद्यालय खेल परिषद (डीयूएससी) की ओर से आयोजित वार्षिक खेल पुरस्कार समारोह 2025 में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहीं। समारोह का आयोजन बुधवार देर शाम डीयू के वाइस रीगल लॉज स्थित कन्वेंशन हॉल में किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि डीयू के विद्यार्थी खेलों में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ओलंपिक खेलों से लेकर अनेकों अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में डीयू से जुड़े खिलाड़ियों ने बहुत से पदक जीत कर देश ...