बस्ती, सितम्बर 14 -- मखौड़ाधाम। परशुरामपुर क्षेत्र के नंदनगर चौरी में चल रहे श्रीराम कथा के चौथे दिन कथा वाचक स्वामी करपात्री ने नारद मोह की कथा का वर्णन किया। कहा कि एक बार महर्षि नारद मुनि को अभिमान हो गया कि उन्होंने काम को जीत लिया है। वह ब्रह्मा के पास पहुंचे और बोले कि हमने काम को जीत लिया है। नारद की बात को सुनकर ब्रह्मा जी मुस्कराए और बोले कि इसकी चर्चा और किसी से मत करना। भगवान विष्णु ने नारद मुनि के इस अभिमान को तोड़ने की योजना बनाई। उन्होंने माया से एक नगर का निर्माण किया और वहां के राजा ने अपनी बेटी जगत मोहिनी के विवाह के लिए स्वयंवर की घोषणा की। नारद मुनि विचरण करते हुए उस मायावी नगर में पहुंचे और राजा की बेटी को देखकर मोहित हो गए। नारद मुनि भगवान विष्णु के पास पहुंचे और कहा कि मुझे विवाह करना है और आप मुझे अपना रूप दे दीजिए।...