गोरखपुर, अगस्त 21 -- गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। भारतीय संस्कृति ने विज्ञान, गणित, खगोल, चिकित्सा, आयुर्वेद, योग और दर्शन जैसे अनेक क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया है। मनीषियों ने गहन चिंतन और अनुसंधान से वैश्विक स्तर पर विज्ञान और ज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया। ऋग्वेद, आयुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद चारों वेदों में प्राकृतिक विज्ञान, चिकित्सा और गणित के सिद्धांतों का वर्णन मिलता है। उपनिषद जो वेदों के ही हिस्से हैं, भारतीय दर्शन का केंद्र बिंदु माने जाते हैं। सदियों से भारतीय ज्ञान परम्परा विश्व को जीवन का समग्र दृष्टिकोण दिखा रही है। यह कहना है आयुष-एनटीईपी कोलैबोरेशन तकनीकी समूह के सदस्य प्रो. गिरीन्द्र सिंह तोमर का। वह बुधवार को जंगल धूसड़ स्थित महाराणा प्रताप महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यन...
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