नई दिल्ली, अक्टूबर 13 -- क्या आप सब एक साथ हैं? क्या आप में एकता है? नहीं! आप एक नहीं हैं। आप अनेक छोटे-छोटे दलों, छोटी-छोटी जातियों में बंटे हुए हैं और आप इन असंख्य विभाजनों को जानते हैं। पूर्व हो या पश्चिम, प्रक्रिया इसकी सारे विश्व में एक-सी ही है। ईसाई ईसाई को मारता है, मुस्लिम मुस्लिम को मारता है और हिंदू हिंदू को। छोटी-छोटी बातों के लिए एक-दूसरे की हत्या करता है, लोगों को शिविरों में धकेलता है; आप जानते ही हैं युद्ध की सारी भयावहता को। अतः विश्वास लोगों को एक नहीं करता। यह बात बिल्कुल साफ है। और यदि यह स्पष्ट है, यदि यह सत्य है, और आप इसे देख पाते हैं, तो इस बारे में कुछ करना होगा। कठिनाई यह है कि हममें से अधिकांश इस बात को देखते ही नहीं, क्योंकि हम उस आंतरिक असुरक्षा, अपने भीतर मौजूद अकेलेपन का सामना ही नहीं कर पाते। हमें कोई न कोई...