बेगुसराय, फरवरी 24 -- खोदावंदपुर, निज प्रतिनिधि। कमरी कैलेंडर वर्ष के आठवें महीने शाबान के चौदहवीं और पन्द्रहवीं तारीख के बीच मनाया जाने वाला तथा इस मौके पर इबादत के माध्यम से खुदा की खुश्नुदी हासिल करने का अवसर शब-ए-बरात है। शब-ए-बरात अल्लाह की तरफ से दुनिया वालों पर एक इनाम है। यह कोई त्योहार या कोई रस्म नहीं है जिसको मनाया जाये या मुबारकबाद दी जाए, बल्कि यह तो विशेष इबादत करने का एक खास दिन है, जिसमें इबादत के माध्यम से गुनाहों से मग़फ़िरत और जहन्नुम की आग से पनाह मांगने की कोशिश की जाती है। यह बात नुरूल्लाहपुर जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद मोइनुद्दीन साहब ने अपनी नूरानी तकरीर के दौरान कही। लेकिन मुसलमानों में इस रात को लेकर बहुत सारी कुरीतियों ने जन्म ले लिया है जो अल्लाह से और इबादत से दूर करने वाली हैं। ऐसी तमाम बातों से बचना ज़रू...