नई दिल्ली, जुलाई 8 -- नई दिल्ली, प्र.सं.। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को वर्ष 2018 से वर्ष 2025 के बीच उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के साथ काम करने वाले विधि शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता वर्ष 2023 के उस आदेश को लागू करने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत उनका मासिक पारिश्रमिक बढ़ाकर 80 हजार रुपये किया गया था। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह एवं न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि विधि शोधकर्ता न्यायिक प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, अक्सर देर रात और सप्ताहांत में काम करते हैं। न्यायालय ने टिप्पणी की कि इस मामले पर दिल्ली सरकार को ही निर्णय लेना चाहिए। पीठ ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने वर्ष 2023 में बढ़े हुए पारिश्रमिक को मंजूरी दी थी। लेकिन इसे अभी तक दिल्ली सरकार...