लखनऊ, मई 22 -- विद्युत अधिनियम-2003 की धारा-131 का इस्तेमाल करके पावर कॉरपोरेशन निजीकरण का मसौदा नियामक आयोग ले जाना चाहता है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि यह धारा केवल एक बार इस्तेमाल करने के लिए बनाई गई थी। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इस धारा का इस्तेमाल करके प्रदेश सरकार पावर कॉरपोरेशन सहित अन्य बिजली कंपनियों का गठन कर चुकी है। उसके बाद सभी बिजली कंपनियां धारा-14 के तहत विद्युत नियामक आयोग के लाइसेंस पर काम कर रही हैं। ऐसे में कॉरपोरेशन को इस पर फिर से विचार करना चाहिए। उपभोक्ता परिषद ने सरकार से मांग की है कि वह निजीकरण के मसौदे की वैधानिकता की जांच कर ले। अन्यथा की सूरत में कॉरपोरेशन पूरी सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर देगा। जो मसौदा आयोग ले जाया जा रहा है, वह उस सलाहक...
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