दिल्ली, फरवरी 14 -- वायु प्रदूषण दुनियाभर में समय से पहले होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.इसकी वजह से हर साल 70 लाख लोगों की असमय मौत हो जाती है.बच्चों को भी इससे खासा नुकसान होता है.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दुनिया की लगभग 99 फीसदी आबादी कभी ना कभी ऐसी हवा में सांस लेने के लिए मजबूर होती है, जो डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुरूप नहीं होती.डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि हर साल प्रदूषित हवा में सांस लेने के चलते 70 लाख लोगों की असमय मौत हो जाती है.भारत समेत कई एशियाई देशों में वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है.दिल्ली, इस्लामाबाद, ढाका, बैंकॉक और जकार्ता जैसे शहरों में लोग प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं.एनर्जी पॉलिसी इंस्टिट्यूट ऑफ शिकागो की तनुश्री गांगुली कहती हैं, "सबसे पहले यह समझना होगा कि हवा ...