मुजफ्फर नगर, नवम्बर 14 -- सनातन धर्म सभा भवन निकट झांसी की रानी पर आयोजित कथा में तीसरे दिन कथावाचक प्रमोद सुधाकर महाराज ने वामन अवतार की कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि दैत्यराज बलि ने इंद्र को परास्त कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था, जिससे देवता भयभीत हो गए। उनकी माता अदिति ने भगवान विष्णु की प्रार्थना की, जिन्होंने वामन रूप में अवतार लेने का वचन दिया। वामन ब्रह्मचारी बने और बलि से तीन पग भूमि भेंट में मांग ली। बलि ने गुरु शुक्राचार्य की चेतावनी के बावजूद उन्हें तीन पग भूमि देने का वचन दिया। वामन ने पहला पग पृथ्वी पर, दूसरा पग स्वर्ग पर रखा, और तीसरे पग के लिए बलि ने अपना सिर आगे कर दिया क्योंकि पूरी ब्रह्मांडीय भूमि नापने के बाद बाकी कहीं और तीसरा पग रखने का स्थान नहीं था। वामन ने तीसरा पग बलि के मस्तक पर रखा और उन्हें पाताल लोक का अध...