उरई, नवम्बर 3 -- आटा। कनवामठ हनुमानजी मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक पंडित सतीशचंद्र अवस्थी ने वामन अवतार का प्रसंग सुनाकर भक्तों को भावविभोर कर दिया। कथा वाचक पंडित सतीशचंद्र अवस्थी ने वामन अवतार की कथा सुनाते हुए कहा कि देव और देवत्व के युद्ध में जब दैत्य पराजित होने लगते हैं तो पराजित दैत्य मृत एवं घायलों को लेकर अस्ताचल चले जाते हैं, वहीं दूसरी ओर दैत्य राज बलि इंद्र के बज्र से मृत हो जाते हैं, तब दैत्य गुरु शुक्राचार्य अपनी मृत संजीवनी विद्या से बलि और दूसरे दैत्यों को जीवित और स्वस्थ कर देते हैं, राजा बलि के लिए शुक्राचार्य यज्ञ करतें है, जिससे दैत्यों की शक्ति में वृद्धि हो जाती है। और असुर सेना अमरावती पर आक्रमण करने लगती है, वामन अवतारी श्री हरि राजा बलि के यहां भिक्षा मांगने पहुंच जाते हैं, ब्र...