नई दिल्ली, नवम्बर 19 -- -कोलाकता व दिल्ली की आबोहवा में सांस के जरिये शरीर में पहुंचने योग्य माइक्रो प्लास्टिक की मौजूदगी पाई गई ज्यादा -सर्दी में प्रदूषण के साथ माइक्रो प्लास्टिक का भी बढ़ जाता है स्तर, चार प्रमुख शहरों में किए शोध में सामने आई यह बात नई दिल्ली, रणविजय सिंह प्रदूषण को लेकर अक्सर पीएम-10, पीएम-2.5, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड इत्यादि प्रदूषक तत्वों की ही चर्चा अधिक होती है। लेकिन प्रदूषित वातावरण में हवा के साथ माइक्रो प्लास्टिक (प्लास्टिक के सूक्ष्म अंश) भी फैले है जो सेहत के लिए ज्यादा घातक हो सकते हैं। कोलकाता व दिल्ली की आबोहवा में ऐसे माइक्रो प्लास्टिक अधिक है जो सांस के जरिये शरीर में पहुंचकर बीमार बना सकता है। देश के चार प्रमुख शहरों कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई व मुंबई में किए गए एक शोध में यह बात सामने आई है...