वाराणसी, फरवरी 1 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। इस वर्ष वसंत पंचमी पर तीन विशिष्ट योग बन रहे हैं। तीन फरवरी को पड़ रहे इस पर्व पर सिद्ध योग, रवि योग, यायीजय योग विशेष फलदायी होंगे। वसंत पंचमी अपने आप में स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। इसी दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती। ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया कि पंचमी तिथि दो फरवरी को दिन में 11 बजकर 53 मिनट से लग रही है जो तीन फरवरी को सुबह नौ बजकर 36 मिनट तक रहेगी। अत: वसंत पंचमी का पर्व तीन फरवरी को ही मनाया जाएगा। गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है, ऋतु नाम कुसुमाकर: अर्थात ऋतुओं में वसंत ऋतु मैं स्वयं हूं। सब मिलाकर ऋतुओं का राजा वसंत को माना जाता है। जैसे किसी राजा का कहीं आगमन होता है तो समय से कुछ पहले ही उनके स्नेहीजन उनके आने की तैयारी करने लगते हैं। ...