सुपौल, मई 14 -- वीरपुर एक संवाददाता। वर्मी कंपोस्ट खाद किसानों के लिए रसायनिक खाद के विकल्प में वरदान साबित हो सकता है। जैविक खेती को बढ़ावा देने से मट्टिी की उर्वरा शक्ति बरकरार रहती है। बसंतपुर प्रखंड का परमानंदपुर पंचायत का नाग पिपराही कभी जैविक ग्राम के रूप मे घोषित था। साल 2016-17 में इस गांव के सभी किसानों के पास अपना बर्मी कम्पोस्ट बेड था। किसान अपने ही द्वारा उत्पादित बेड से जैविक खेती करते थे। दूर-दूर के गांव से किसान जैविक खेती को देखने आते थे पर साल 18 आते-आते कृषि विभाग की उदासीनता के कारण बर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन प्रभावित होने लगा और किसान इसकी उत्पादन से विमुख होते गए। केंचुओं से बन रही पौषक जैविक खाद : वर्मी कंपोस्ट जैविक खाद का एक बेहतरीन स्रोत है। जिसे केंचुओं की सहायता से तैयार किया जाता है। इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पो...