हल्द्वानी, मई 21 -- हल्द्वानी, वरिष्ठ संवाददाता हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र ने पर्यावरण संरक्षण और जैव-विविधता के अध्ययन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कीटभक्षी उद्यान की स्थापना की है। उद्यान में कीटभक्षी पौधे नेपेंथेस की 65 प्रजातियां हैं। जो कीटों को खाकर अपनी नाइट्रोजन व अन्य न्यूट्रिशन की आवश्यकता पूरी करते हैं। यह पहल न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगी, बल्कि पर्यावरण जागरूकता और प्राकृतिक संतुलन को समझने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। कीटभक्षी पौधे, जिन्हें मांसाहारी पौधे भी कहा जाता है, अपनी अनूठी विशेषता के लिए जाने जाते हैं। ये पौधे मिट्टी में पोषक तत्वों, विशेष रूप से नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए कीटों को फंसाकर पचाते हैं। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में कुछ कीटभक्षी पौधों का प्राकृतिक आवास है, जहा...