देहरादून, मार्च 31 -- वन अधिकार 2006 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो अप्रैल को होने वाली सुनवाई में मजबूत पक्ष रखने की मांग को लेकर जन संगठनों और विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र भेजा है। जिसमें ये भी कहा गया है कि अगर सरकार ने इसमें जनता का सही पक्ष नहीं रखा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। पत्र में कहा गया है कि इस कानून का लाभ पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्र के लगभग सारे उत्तराखंडियों को मिलना चाहिए था। लेकिन प्रशासन और खास तौर पर वन विभाग इसको कमज़ोर करने की और इसके बारे में गलत जानकारी फ़ैलाने में लगातार लगे हैं। जिसकी वजह से आज तक उत्तराखंड की जनता अपने हक़ों से वंचित हैं। करीब दो लाख लोग इससे प्रभावित हैं। ये भी कहा गया है कि इसमतें गांववासियों से अनुमति लेने के बिना वन ज़मीन और वन संसाधनों को बेचा जाता है, जबकि ये गलत है। ...
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