लखनऊ, जनवरी 28 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता जंग में कागजी अफराद से क्या होता है, जंग में हिम्मत हो तादाद से क्या होता है। यह शेर मशहूर शायर वासिफ फारुकी ने गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में मौके कैफी आजमी अकादमी में आयोजित मुशायरे में सुनाया। ऑल इण्डिया कैफी आजमी एकेडमी में मंगलवार को मुशायरे व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। वासिफ फारूकी के संचालन और प्रो. अब्बास रज़ा नैय्यर की अध्यक्षता में मुशायरे में मौजूद शायरों ने एक से बढक़र एक रचनाओं को सुनाकर श्रोताओं की तालियां और वाहवाही लूटी। मुशायरे में उस्मान मीनाई, शोएब अनवर, सग़ीर नूरी, सलीम सिद्दीकी ने अपेन शेरों से समा बांध दिया। इसके अलावा सरला शर्मा, रूबीना अयाज़, नाजिया जाफरी ने भी अपने अपने अशआर सुनाए। मुशायरे व कवि सम्मेलन में मौजूद शायरा नाजिया जाफरी ने युनाया कि ऐ काश इतना होता बस इख्तिया...
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