वाराणसी, मई 26 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर सोमवार को महिलाओं ने वट सावित्री का पूजन कर अखंड सौभाग्य की कामना की। वट के तीन हिस्सों में विराजमान ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश की विधानपूर्वक आराधना की। शहर से गांव तक महिलाओं ने पूजन के विधान पूर्ण किए। वटवृक्ष को रोली का तिलक लगाकर चावल, भीगा चना, गुड़ एवं हल्दी आदि अर्पित किया। देसी घी का दीपक जलाया। वट वृक्ष के नीचे बांस के पात्र में सप्तधान्य तथा एक पात्र में सत्य सावित्री की मूर्ति रखकर पूजा की। पारिवारिक परम्परा के अनुसार भैंसे पर आरुढ़ यमराज की प्रतिमा की धूप-चंदन-दीपक-रोली-केशर एवं फल मिष्ठान आदि से पूजन किया। वट वृक्ष के जड़ में जल अर्पित किया। व्रतियों ने परिवार की परंपरा के अनुसार वटवृक्ष के पत्तों की माला भी धारण की। दशाश्वमेध स्थित मीरघाट के धर्मकूप मोहल्ले...