नई दिल्ली, दिसम्बर 8 -- लोकसभा में राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर ऐतिहासिक चर्चा आवश्यक और प्रेरक रही। ऐसा मौका बहुत जरूरी है कि जब सभी नेता मातृभूमि के प्रेम या पक्ष में खड़े नजर आएं। भारत के राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के रचनाकार बंकिमचंद्र चटर्जी और इस गीत से जुड़े अन्य महापुरुषों को जिस तरह से याद किया गया है, वह लोकसभा की कार्यवाही में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। आज से पचास साल बाद इस गीत के 200 वर्ष पर जब विशेष आयोजन होंगे, तब निस्संदेह वंदे मातरम् पर लोकसभा में अपने विचार रखने वाले नेताओं को याद किया जाएगा। लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उचित ही स्वीकार किया कि वंदे मातरम् के मंत्र ने पूरे देश को शक्ति और प्रेरणा दी, स्वतंत्रता आंदोलन को ऊर्जावान बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि आज वं...