नवीन पालीवाल। नैनीताल, जुलाई 24 -- उत्तराखंड सहित पूरे मध्य हिमालयी क्षेत्र में मानसून की चाल तेजी से बिगड़ रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण वाहनों की भीड़ और तेजी से हो रहे निर्माण कार्य हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इससे बारिश का पैटर्न भी बदल रहा है। कहीं सूखा और कहीं भीषण बारिश में इजाफा हो रहा है। नैनीताल क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों से कार्बन डाईऑक्साइड में हर साल 2.66 पार्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम) और मीथेन में 9.53 पार्ट्स प्रति बिलियन (पीपीबी) की औसत वृद्धि दर्ज की गई है। इस परिदृश्य को हिमालयी पारिस्थितिकी, जैवविविधता, खेती समेत पूरे भारत की जल व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है। दिन घटे, तीव्रता में इजाफा नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वैज्ञानिकों के अनुसार, नैनीताल और इसके आसपास के क्षेत्र म...