बेगुसराय, जून 6 -- सिंघौल, निज संवाददाता। कृषि विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लीची की तुड़ाई के पश्चात उसके बगीचों की जुताई कर खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करें। प्रति प्रौढ़ वृक्ष 80 से 100 किलोग्राम कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी खाद, 2.5 किलोग्राम यूरिया 1.5 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट, 13 किलोग्राम म्युरेट ऑफ पोटाश तथा 50 ग्राम सुहागा का मिश्रण तैयार कर पृक्ष के पूरे फैलाव में समान रूप से बिछाकर मिट्टी में मिला दें। इससे मिट्टी की गुणवत्ता बरकरार रखने में मदद मिलेगी। वहीं गन्ना फसल में इस समय गलित शिखा रोग (टॉप शूट बोरर) के प्रकोप की संभावना बनी हुई है। यह रोग 2 से 22.5 प्रतिशत तक उपज में तथा उम्र अवस्था में 80 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अतिरिक्त, चीनी की मात्रा में भी 11.8 से 65 प्रतिशत तक की कमी देखी जाती है. जिससे किसानों एवं चीन...