मुजफ्फरपुर, फरवरी 20 -- मुशहरी, हिसं। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी में बुधवार को किसान वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर और वैशाली जिले के कुल 160 किसानों ने भाग लिये। निदेशक डॉ. विकास दास ने लीची उत्पादन में किसानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि लीची में किसी भी प्रकार की दवा का छिड़काव तुड़ाई से 15 दिन पहले तक ही करना चाहिए। किसानों ने इस दौरान अपने व्यावहारिक अनुभवों और चुनौतियों को वैज्ञानिकों के साथ साझा किया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार ने किसानों को स्टिंग बग से ग्रसित टहनियों की पहचान कराई और प्रभावित टहनियों को समय रहते हटाने एवं नष्ट करने की सलाह दी। किसानों को ट्राइकोडर्मा के उपयोग की विधि और उसकी उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। लीची उत्पादन में ...
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