मधुबनी, जुलाई 21 -- बेनीपट्टी, निज प्रतिनिधि। रंग बिरंगे परिधानों मेंं सजधज कर मधुर गीतों की तान के साथ गलियों से निकलकर चौराहों पर अपने सहेलियों के साथ फुललोढ़ी के लिए निकले नवविवाहिताओं की समूह का दृश्य अति मनोहरम बना है। ससुराल से आये आभूषणों को धारण किये बालाओं की चेहरे की मुस्कान अप्सराओं को भी मॉत दे रही है। मैथिलानियों के लिए आस्था एवं विश्वास का यह पर्व अपने दांपति जीवन को सुखमय बनाने का अति मनोहरम दृश्य प्रस्तूत कर रहा है। मधुश्रावणी पर्व के छठे दिन संध्या बेला में उमड़ती काले बादलों के बावजूद सहेलियों के साथ गीत गाते 'लाल पियर सासुर सं एयलइयै साड़ी कि गौरी हम पूजब हे की तान के साथ बालाएं फुल लोढ़ने निकले हैं। इस त्यौहार को नवविवाहिता बड़ी ही आस्था एवं उल्लास के साथ मनाती है। यह पर्व सुहाग की रक्षा एवं गृहस्थ धर्म में मार्यादा के साथ ...