वाराणसी, सितम्बर 13 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। काशी में 36 वर्षों से ताल साधना कर रहे पं. ललित कुमार ने नगर में पहली बार स्वतंत्र वादन किया। उन्होंने बनारस के तबला घराने से एक नया अध्याय जोड़ा। वादन के दौरन बजाई गई चौपल्ली नागरी प्रचारिणी सभा के समारोह कक्ष में बैठे संगीत दिग्गजों के लिए भी विशेष आनंद का आधार बनी। तबला वादन के लिए खासतौर पर समर्पित लयोत्सव-3 में पं. ललित कुमार ने अपना वादन पहले गुरु पिता पं. सुंदरदार, जो पं. अनोखेलाल के शिष्य थे, दूसरे गुरु पं. रामजी मिश्र और तीसरे गुरु पं.किशन महाराज को समर्पित कर काशी में अपनी पहली स्वतंत्र प्रस्तुति से पितृपक्ष में पुरखों का ताल से तर्पण किया। यह सब कुछ नादश्री म्यूजिक अकादमी के सालाना आयोजन लयोत्सव के तीसरे संस्करण की विराम संध्या में शुक्रवार को हुआ। उन्होंने फरमाइशी चक्करदार में क...