वाराणसी, अगस्त 4 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। भगवान शिव लय और प्रलय दोनों को अपने अधीन रखते हैं। कल्याणकारी शिव की आराधना करके सभी पुरुषार्थों को सहज प्राप्त किया जा सकता है। ये बातें मंगल पीठाधीश्वर माधवाचार्य महाराज ने कहीं। वह अस्सी स्थित श्रीराम जानकी मठ में चल रहे चिंतामणि पार्थिव शिवलिंग महारुद्राभिषेक अनुष्ठान में सोमवार को प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो भाग्य का लिखा भी बदल सकते हैं। शिव से ऐसी कृपा प्राप्त करने के लिए पूर्ण निष्ठा के साथ उनके प्रति समर्पित होना होगा। धर्म शास्त्रों में एक नहीं अनेक ऐसे उदाहरण हैं जब महापतित ने भी अपनी श्रद्धा और भक्ति से भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर दिया है। इंदौर के महामंडलेश्वर राधे-राधे बाबा ने भी शिवतत्व पर चर्चा की। इससे पूर्व प्रात:कालीन सत्र में सवा लाख पार्थ...