कानपुर, मार्च 18 -- पिछले दो दशक में शहर का विस्तार हुआ। आबादी भी कई गुना बढ़ गई। आग की घटनाओं में इजाफा हुआ तो अग्निशमन विभाग की जिम्मेदारियां भी बढ़ गईं। नए अधिनियम से अग्निशमन के साथ आपातकालीन सेवाओं की जिम्मेदारी भी आ गई मगर हकीकत यह है कि आबादी और शहर के विस्तार के हिसाब से संसाधन नाकाफी हैं, मैनपावर की भी कमी है। लपटों से लड़ते वक्त पानी कम पड़ जाता है। फायर ब्रिगेड कर्मी कहते हैं हम 24 घंटे कहीं भी आग बुझाने के लिए तैयार हैं पर पानी भरने को हाईड्रेंट तो होने ही चाहिए। शहर में कहीं भी आग लग जाए दमकल कर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए फौरन पहुंचने की कोशिश करते हैं। उनके लिए एक-एक मिनट कीमती होता है क्योंकि उन्हें पता है कि जब तक वह मौके पर नहीं पहुंचेंगे तब तक संबंधित संपत्ति संग लोगों की जान का खतरा और बढ़ता ही रहेगा। जरा सी देरी होने पर इलाक...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.