सुपौल, अगस्त 26 -- कजरा, एक संवाददाता। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि जगत की देवी राधा रानी को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर श्रीजी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा रानी अवतरित हुई थीं। इसके लिए हर साल भाद्रपद महीने में राधा अष्टमी मनाई जाती है।आचार्य अशोक पांडेय ने बताया कि धार्मिक मत है कि राधा रानी के महज नाम जप से व्यक्ति विशेष का उद्धार हो जाता है। वह पुण्यकाल भागी बन जाता है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से राधा अष्टमी के दिन श्रीजी और कृष्ण कन्हैया की पूजा करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 30 अगस्त को देर रात 10 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी। वहीं 31 अगस्त को देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर अष्टमी तिथि का समापन होगा। ...