भागलपुर, अगस्त 17 -- कजरा। भारतीय खेती में गोबर से बनी खाद का बहुत महत्व है। यही कारण है कि ग्रामीण अंचल में देसी खाद बनाने के लिए अलग से व्यवस्था होती है। खाद एवं उर्वरक मामलों के जानकर नीरज कुमार के अनुसार गाय के गोबर से बनी खाद को पारंपरिक रूप से सबसे उत्तम उर्वरक माना जाता है। गाय का गोबर जैविक खाद के रूप में सबसे ज्यादा प्रभावी होता है, क्योंकि इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम की मात्रा संतुलित होती है। यह मिट्टी की संरचना को सुधारने में भी मदद करता है और फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। भैंस के गोबर से भी खाद बनाई जाती है, लेकिन उसकी उर्वरक क्षमता गाय के गोबर की तुलना में थोड़ी कम होती है। भैंस का गोबर अधिक मात्रा में मिलता है, लेकिन इसमें नाइट्रोजन की मात्रा कम होती है। हालांकि इसका उपयोग बड़े पैमाने पर खेतों में ...
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