लखनऊ, जून 10 -- राजधानी में करीब 8000 नेत्रहीन रोशनी के इंतजार में हैं। जागरुकता की कमी के चलते लोग कॉर्निया दान करने में हिचक रहे हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीज परेशान हैं। उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। केजीएमयू नेत्र रोग विभाग में हर महीने करीब 35 मरीजों का कॉर्निया प्रत्यारोपण हो रहा है। डॉ. प्रमोद डेविड ने बताया कि एक कॉर्निया से दो से तीन मरीजों को रोशनी प्रदान की जा रही है। नेत्रहीनों को रोशनी देने के लिए एक आंख में कॉर्निया प्रत्यारोपित की जा रही है। उन्होंने बताया कि उनके अधीन करीब 250 मरीज पंजीकृत हैं। कॉर्निया दान के लिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है। मृत्यु के एक घंटे के भीतर कॉर्निया एकत्र किया जाना चाहिए। हालांकि छह से आठ घंटे बाद भी हटाया जा सकता है। एनॉटमी विभाग में देहदानियों की कॉर्निया से नेत...