नई दिल्ली, दिसम्बर 21 -- नई दिल्ली, हिन्दुस्तान ब्यूरो। सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए 'वेटिंलेटर बिलिंग नियमों' का पालन करना अनिवार्य कर दिया है। अगर किसी मरीज को 14 दिनों से ज्यादा समय तक वेंटिलेटर पर रखा जाता है, तो अस्पताल को इसका पूरा कारण बताना होगा। ऐसे मामलों की विशेष डॉक्टरों की समिति द्वारा समीक्षा की जाएगी और हर महीने इसका आंतरिक ऑडिट भी होगा। नए नियमों में अब डॉक्टरों को हर 48-72 घंटे में मरीज की स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करना होगा। अगर सुधार की संभावना कम है तो परिजनों के साथ काउंसलिंग करनी होगी। सरकार का कहना है कि इससे अनावश्यक रूप से वेंटिलेटर पर मरीज को लंबे समय तक रखने पर रोक लगेगी। मामले से जुड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वेंटिलेटर जरूरत पड़ने पर जान बचाता है, लेकिन बिना जरूरत लंबे समय तक इसका इस्तेमाल न सिर्फ ख...