खगडि़या, जून 6 -- खगड़िया। जितेन्द्र कुमार बबलू 6 जून 1981 की शाम को हुई बदलाघाट रेल हादसा के मंजर को याद कर आज भी लोगों के चेहरे सिहर जाते हैं। रोंगटे खड़े हो जाते हैं। घटना के बाद मृतक के रोते-बिलखते परिजनों की चीत्कार की यादें हर किसी की आंखें नम कर जाती है। यात्रियों से खचाखच भरी समस्तीपुर से बनमनखी जा रही 416 डाउन पैसेंजर ट्रेन में सवार यात्रा कर रहे सैकड़ों को पता नहीं था कि यह यात्रा उनकी जिन्दगी की अंतिम यात्रा है। बदलाघाट रेलवे स्टेशन से धमाराघाट रेलवे स्टेशन के लिए खुली ट्रेन आधा किलोमीटर के बाद ही पुल में गिर गई। जिस समय ट्रेन गिरी उस समय तेज अंाधी व बारिश से बचाव के लिए ट्रेन के अधिकांश खिड़की व गेट बंद था। पुल पर तेज हवा का दबाव व सामने से बैल लेकर आ रहे एक पशुपालक को बचाने के लिए ड्राइवर द्वारा अचानक ब्रेक लगाना घटना का कारण बता...